56 bhog list in hindi जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण विशेष रूप से 56 भोग का आयोजन करते हैं, जो भगवान को अर्पित किया जाता है। 56 भोग या छप्पन भोग का महत्व इसलिए भी है क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण 8 प्रहर में कुल 56 प्रकार के भोजन ग्रहण करते थे।
56 भोग केया है ?
56 भोग: भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति का अनोखा प्रतीक है । 56 भोग, जिसे छप्पन भोग भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का अनोखा प्रतीक है। इसे विशेष रूप से जन्माष्टमी के अवसर पर अर्पित किया जाता है। छप्पन भोग का आयोजन भगवान श्रीकृष्ण की जीवनशैली और उनकी दिव्य लीलाओं से जुड़ा है। यह मान्यता है कि जब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की, तब उन्होंने 7 दिनों तक भोजन नहीं किया था। उनकी इस तपस्या को देखते हुए, उनकी प्रिय भक्त राधा और अन्य गोपियों ने उन्हें 8 प्रहर (एक दिन में 8 बार) के अनुसार 56 प्रकार के व्यंजन अर्पित किए।
56 भोग का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
56 भोग का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अनमोल हिस्सा भी है। यह भोग भगवान के प्रति असीम श्रद्धा, प्रेम और निष्ठा को दर्शाता है। भक्तजन इस भोग को बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ बनाते और अर्पित करते हैं। इसके बाद प्रसाद के रूप में इसे सभी भक्तों में बांटा जाता है, जो कि एक प्रकार की दिव्यता और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।
56 bhog list in hindi
छप्पन भोग में कुल 56 प्रकार के व्यंजन शामिल होते हैं, जो मीठे, नमकीन, खट्टे और तीखे सभी स्वादों का संगम होते हैं।
भगबान श्री कृष्ण के पूजा के दौरान 56 प्रकार के भोजन बनाकर भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है। इस विशेष भोजन को “अन्नकूट” कहा जाता है। इस छपन भोग को एक सूची में प्रस्तुत किया जाता है। इस भोग का जादा हिस्सा दूध से बनाया जाता है। उसके बाद बेसन के चजे ओर अंत मे इलायची दिया जाता है।
इस 56 भोग को प्रधान रूप में 8 भागो से भाग किया जाता है, जिसे हरेक भागो में 7 व्यंजन शामिल है।
- 7 प्रकार के अनाज
- 7 प्रकार के फल
- 7 प्रकार के ड्राईफ्रूट
- 7 सब्जियां
- 7 मिठाई
- 7 पेय
- 7 नमकीन
- 7 सॉस या अचार
जन्माष्टमी के लिए 56 भोग का सूची
यहां 56 भोगो की सूची दी गई है जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कुछ बदलावों के साथ पेश की जाती हैं।
- साग (पालक)
- दही
- खीर (मीठा चावल और दूध)
- चावल
- रसगुल्ला
- राबड़ी
- मथी
- दाल
- चटनी
- कड़ी
- मालपुड़ा
- मुरब्बा
- शक्करपारा
- घेवर
- चिला
- जलेबी
- पापड़
- दलिया
- लड्डू
- घी
- शहद
- मोहनभोग
- मत्था
- लस्सी
- मक्खन
- मलाई
- मूंग दाल का हलवा
- खिचड़ी
- पकौड़े
- बैंगन
- लौकी
- नारियल की चटनी
- पूड़ी
- कचोरी
- रोटी
- बादाम दूध
- नारियल पानी
- आम
- केला
- शकंजवी
- अंगूर
- सेब
- बेर
- काजू
- बादाम
- किशमिश
- पिस्ता
- चन्ना
- टिक्की
- मीठे चावल
- भुजिया
- पुदीना चटनी
- सौंफ
- पान
- सुपारी
- इलाइची
56 भोग में शामिल प्रमुख व्यंजन
छप्पन भोग में कुल 56 प्रकार के व्यंजन शामिल होते हैं, जो मीठे, नमकीन, खट्टे और तीखे सभी स्वादों का संगम होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख व्यंजन इस प्रकार हैं:
- माखन मिश्री – ताजे मक्खन और मिश्री का मिश्रण।
- पंचामृत – दूध, दही, शहद, घी और तुलसी पत्तियों का मिश्रण।
- मालपुआ – मैदा और चीनी से बना मीठा व्यंजन।
- गुलाब जामुन – खोया और मैदा से बने छोटे गोले, जो चाशनी में भिगोए जाते हैं।
- धोकला – बेसन से बना नमकीन स्नैक।
- पूरी – घी में तली हुई रोटी।
- खीर – चावल, दूध, चीनी और मेवे से बना मिठाई।
- लड्डू – बेसन, बूंदी, नारियल आदि से बने विभिन्न प्रकार के लड्डू।
- समोसा – आलू मसाले से भरी हुई तली हुई पेस्ट्री।
- कचौरी – मसालेदार दाल से भरी हुई तली हुई पेस्ट्री।
इन भोगों की रेसिपीज़ को बनाकर आप जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं। प्रत्येक भोग को बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें पूरी शुद्धता और पवित्रता हो। इस जन्माष्टमी पर भगवान को 56 भोग अर्पित करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
अगर आप को ये इन्फॉर्मेशन अच्छा लगा हो तो हिंदी रेसिपी के दूसरे भाग में भी भिसिट करें।